रविवार, 9 अगस्त 2009

जो तू चाहे मूझको....

जो तू चाहे मुझको छांड सकल की आस।
मुझ ही ऐसा होय रहो सब सुख तेरे पास।।

जेहि मरने से जग डरे , मेरे मन आनंद ।
कब मरिहों कब पहियों , पूरण परमानंद।